
Sadhviji Addresses Youth During Meditation and Enlightenment Session Organized by Uttaranchal University
परमार्थ निकेतन की साध्वी भगवती सरस्वती जी ने उत्तरांचल विश्वविद्यालय, देहरादून द्वारा आयोजित कार्यक्रम ’एक्सपर्ट टाॅक’ में 900 से अधिक विद्यार्थियों को सम्बोधित किया।
आध्यात्मिक मार्गदर्शक साध्वी भगवती सरस्वती जी ने उत्तरांचल विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को अपनी आंतरिक ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए तैयार रहने हेतु प्रेरणादायक उद्बोधन दिया। उन्होंने युवाओं को ध्यान करने हेतु प्रेरित करते हुये कहा कि युवावस्था अपने उद्देश्यों और क्षमताओं को खोजने का सबसे उत्तम अवस्था होती है। यह एक ऐसी अवस्था है जिसका लाभ लेने से किसी को भी चूकना नहीं चाहिये।
साध्वी जी ने कहा कि वर्तमान समय में युवाओं पर डिजिटल तकनीक का अत्यंत प्रभाव है और वह जरूरी भी है परन्तु साथ ही अपनी संस्कृति, अपने संस्कार और आध्यात्मिक मूल्यों का जीवन में होना भी अत्यंत आवश्यक है क्योंकि आध्यात्मिक मूल्यों के माध्यम से ही आप अपने व्यवहार, अपने भविष्य और समाज के व्यवहार को आकार प्रदान कर सकते हैं। विशेष कर युवावस्था में प्रत्येक वस्तु के अति उपयोग से बचना तथा संतुलित उपयोग को बढ़ावा देना अत्यंत आवश्यक है। संतुलित जीवन शैली में ही सभी समस्याओं का समाधान निहित हो सकता है। आनंद और पीड़ा दोनों अवस्थाओं में संतुलन बने रहने के लिये आध्यात्मिक मूल्यों को आत्मसात करना अत्यंत आवश्यक है।
साध्वी जी ने कहा कि जीवन की चुनौतियों से निपटने के लिए आध्यात्मिक मूल्य सबसे बड़े प्रेरणास्रोत है। उन्होंने सभी विद्यार्थियों को माइंडफुलनेस का अभ्यास कराया। साथ ही उन्होंने ध्यान के माध्यम से वर्तमान क्षण के बारे में गहरी जागरूकता बढ़ाने, अपने विचारों, भावनाओं और कार्यों की बेहतर समझ को बढ़ावा देने के लिये प्रेरित किया।
युवा अवस्था में विशेष कर विद्यार्थियों को फोकस और एकाग्रता की सबसे अधिक जरूरत होती है। ध्यान के माध्यम से आप अपनी एकाग्रता, मानसिक कल्याण और व्यक्तिगत विकास में सुधार कर सकते है।
साध्वी जी ने कहा कि भारत का युवा भारत की सबसे महत्वपूर्ण पूँजी है, वह यूँ ही बर्बाद न हो यह हम सब की जिम्मेदारी है। युवाओं की भावनाओं के प्रति संवेदनशील होना अत्यंत आवश्यकता है तथा युवाओं को भी अपने जीवन का मोल समझना होगा। उन्होंने कहा कि स्वस्थ जीवन, अमूल्य रत्न है जिसके सहारे आप स्वयं, अपने परिवार और अपने पर्यावरण सभी को सुरक्षित रख सकते हैं।
साध्वी जी ने विद्यार्थियांे को माँ गंगा के आशीर्वाद स्वरूप रूद्राक्ष का पौधा भेंट किया तथा उत्तरांचल विश्वविद्यालय प्रांगण में रूद्राक्ष के पौधों का रोपण भी किया और उसके संरक्षण हेतु विद्यार्थियों को संकल्प कराया। इस अवसर पर श्री जितेंद्र, जोशी चांसलर, प्रो डा अभिषेक जोशी निदेशक छात्र मामले आदि का महत्वपूर्ण योगदान रहा।