करते हैं कि हम सबको भगवान् ने ही बनाया है | फिर अपनी ही इन्द्रियों को वश में करने के लिए ध्यान करना क्यों आवश्यक है | भगवान् ने ही हमें देखने के लिए आँखें, सुनने के लिए कान, स्मेल करने के लिए नाक, स्पर्श...
मेरे मन में अक्सर कई बातों को लेकर संशय रहती है. यही नहीं एक प्रकार का डर भी मेरे भीतर व्याप्त है. ये दोनों ही बातें मेरे दिमाग को दुःख देती हैं. मैं अक्सर तनाव में रहती हूँ. मैं अपने मन-मस्तिष्क की शांति के लिए...